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नारसिंह चूर्ण

नारसिंह चूर्ण
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जेसे नाम वैसा काम
कमजोर से कमजोर आदमी को भी जो शेर जेसी ताकत प्रदान कर दे उसे नारसिंह चूर्ण बोलते ह यह चूर्ण उत्तम बाजीकरण बलवीर्यवर्द्धक बुढ़ापे ओर बीमारियाँ को दूर रखता हे जिन्न भी आयुर्वेदिक औषधियोँ पर शक हो े इस चूर्ण को जरुर आजमा कर देखना चाहिए
इसके सेवन काल मेँ दूध की मिठाई शुद्ध देसी घी पनीर पोस्टिक पदार्थोँ का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए जी ने खाना हजम न होता हो उनके लिए यह वरदान ह यह शरीर को बल वीर्य से पुष्ट कर कर धातुओं की जबरदस्त वृद्धि कर शरीर मेँ नई स्फूर्ति बल वीर्य की वृद्धि कर की वृद्धि कर काम शक्ति को असीमित बढ़ा देता ह फूला शरीर काम शक्ति का अभाव शरीर मेँ स्फूर्ति की कमी दौर्बल्य शुक्राणु की गतिशीलता मेँ कमी होना अर्थात संतान पैदा करने के लायक न होना शुक्राणु मेँ गतिशीलता की कमी इसके सेवन से कुछ दिनो मेँ छू मंतर हो जाती हे खूब भूख लगने लग जाती हे शरीर मेँ बल महसूस होने लगता ह नामर्द भी इसके सेवन से अपने आप मेँ मर्दानगी का अनुभव करने लगता हे लक्ष्मण मेँ इसका सेवन अमृत तुल्य लाभ देता हे अगर आप दवाइयाँ अजमा अजमा कर थक चुके हे तो एक बार इसे जरुर इस्तेमाल करना चाहिए प्रस्तुत हे नारसिंह चूर्ण बनाने की विधि यह एक शास्त्रीय योग हे वेद लोगोँ को अत्यंत प्रिय ह क्यूंकि यह चूरण vado ko कीर्ति प्रदान करने वाला हे
नारसिंह चूर्ण बनाने की विधि

शतावर चूर्ण 100 gm
गोखरु चूर्ण 100 gm
वाराही कदं 125 gm
बिदारीकंद 100 gm
धुले हुए सफेद तिल 100 gm
सत गिलोय 100 gm
चित्रक मूल की छाल75 gm
शुद्ध भिलावा 200 gm
दाल चीनी 15 gm
तेज पत्ता 15 gm
छोटी ईलाची 15 gm
मिश्री 300 gm
शुद्ध देसी घी 250 gm
शुध्द शहद 500 gm
कूट पीसकर मिला कर अच्छी तरह रख लेँ रख ले
एक चम्मच सुबह नाश्ते के एक घंटे बाद एक चम्मच रात को दूध से सोते समय गर्म दूध के साथ लगातार कुछ दिनोँ तक प्रयोग करे
किसी भी प्रकार की जोन कमजोरी को अपने जीवन से दूर जाते हुए खुद देख लीजिए गा
पेंतीस साल की उमर के बाद के लोगोँ को जरुर इस्तेमाल करना चाहिए
ध्यान रखने योग्य बात यही हे कि इसके सेवन काल मेँ दूध दूध से बनी चीजे शुद्ध देशी की आदि का प्रयोग भरपूर करेँ जिनकी पाचनशक्ति खराब हो जाए उनकी पाचन शक्ति भी बहुत बडा देता हे इतना होने के बाद भी किसी सुजोक एवँ वेदोँ की देखरेख मेँ ही एसे पौष्टिक चूर्ण का सेवन करना चाहिए जय आयुर्वेद

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