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Showing posts from 2015

निकला हुआ पेट बिना मेहनत करे अंदर

*- चाय में पुदीना डालकर पीने से मोटापा कम होता है। *खाने के साथ टमाटर और प्याज का सलाद कालीमिर्च व नमक छिड़क कर खाएं। इससे आपको विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के, आयरन, पोटैशियम, लाइकोपीन और ल्यूटिन एक साथ मिलेंगे। *रोज पपीता खाएं। लंबे समय तक पपीता के सेवन से कमर एक्ट्रा फेट्स कम होती है। *- दही का सेवन करने से शरीर की एक्ट्रा फेट्स घटती है। *- छोटी पीपल का बारीक चूर्ण कर उसे कपड़े से छान लें। इस चूर्ण को रोजाना तीन ग्राममात्रा में सुबह के समय छाछ के साथ लें। इससे निकला हुआ पेट अंदर हो जाता है और कमर पतली हो जाती है। *पत्तागोभी में चर्बी घटाने के गुण होते हैं। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म सही रहता है। *- सुबह उठते ही 250 ग्राम टमाटर का रस 2-3 महीने तक पीने से वसा में कमी होती है। *एक चम्मच पुदीना रस और 2 चम्मच शहद मिलाकर लें। इससे मोटापा कम होता है। *अगर मोटापा कम नहीं हो रहा है, तो खाने में कटी हुई हरी मिर्च या काली मिर्च को शामिल करके वजन को काबू में किया जा सकता है। एक रिसर्च में पाया गया कि वजन कम करने का सबसे बेहतरीन तरीका मिर्च खाना है। मिर्च में पाए जाने वाले तत्व कैप्साइसिन से जल...

कद बढ़ाये

लोग अपनी लंबाई बढाने के लिये बाजार में मिलने वाली कई तरह की दवाइयों का भी सेवन करने लगते हैं जिससे तमाम साइड इफेक्ट्स भी होते हैं।हम आपके लिए कुछ प्राकृतिक तरीके दे रहे हैं जिसके बिल्कुल भी साइड इफेक्ट नहीं होगें और आपकी हाइट 18 साल के बाद भी बढ़ सकती है। * लम्बाई और स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए गेहूँ के दाने के बराबर मात्रा में चूना रोज दही, दाल या सब्जी में मिलाकर खाना चाहिए । या पानी में मिलाके पीना चाहिए । इससे लम्बाई और स्मरण शक्ति दोनों का ही विकास होता है। शरीर में चैतन्यता और चपलता आती है। ( लेकिन पथरी के मरीज चूने का सेवन ना करें ) * कद बढ़ाने के लिये सूखी नागौरी, अश्वगंधा की जड़(बराबर की मात्रा में ) को कूटकर बारीक कर चूर्ण बना लें। बराबर मात्रा में खांड मिलाकर किसी टाईट ढक्कन वाली कांच की शीशी में रखें। इसे रात सोते समय रोज दो चम्मच गाय के दूध के साथ लें। इससे दुबले व्यक्ति भी मोटे हो जायेंगे। कम कद वाले लोग लंम्बे हो सकते हैं। इससे नया नाखून भी बनना शुरू होता है। इस चूर्ण का सेवन करने से कमजोर व्यक्ति अपने अंदर स्फूर्ति महसूस करने लगता है। इस चूर्ण को लगातार 40 दिन तक लेते रह...

कब्‍ज दूर करने के घरेलू उपचार।

सामान्य रूप से मल का निष्कासन ना होना तथा आंतों में मल का रूकना कब्ज कहलाता है॰ अनियमित दिनचर्या और खान-पान के कारण कब्‍ज और पेट गैस की समस्‍या आम बीमारी की तरह हो गई है। कब्‍ज रोगियों में गैस व पेट फूलने की शिकायत भी देखने को मिलती है। लोग कहीं भी और कुछ भी खा लेते हैं। खाने के बाद बैठे रहना, डिनर के बाद तुरंत सो जाना ऐसी आदतें हैं जिनके कारण कब्‍ज की शिकायत शुरू होती है। पेट में गैस बनने की बीमारी ज्‍यादातर बुजुर्गों में देखी जाती है लेकिन यह किसी को भी और किसी भी उम्र में हो सकती है। आइए हम आपको कब्‍ज से बचने के घरेलू नुस्‍खे के बारे में जानकारी देते हैं; कब्‍ज के उपचार के घरेलू उपाय – सुबह उठने के बाद नींबू के रस को काला नमक मिलाकर पानी के साथ सेवन कीजिए। इससे पेट साफ होगा। 20 ग्राम त्रिफला रात को एक लिटर पानी में भिगोकर रख दीजिए। सुबह उठने के बाद त्रिफला को छानकर उस पानी को पी लीजिए। इससे कुछ ही दिनों में कब्‍ज की शिकायत दूर हो जाएगी। कब्‍ज के लिए  शहद बहुत फा...

प्राणायाम

श्वास लेने और छोड़ने के बीच हम कुछ क्षण के लिए रुकते हैं। इस रुकने की क्रिया को ही कुंभक कहते हैं। जब श्वास लेकर हम अंदर रुकते हैं तो उसे आभ्यांतर कुंभक कहते हैं और जब बाहर रुकते हैं तो उसे बाह्य कुंभक कहते हैं। अब आप जानकर श्वास छोड़े और लें। छोड़ते वक्त तब तक श्वास छोड़ते रहें जब तक छोड़ सकते हैं और फिर तब तक श्वास दोबारा न लें जब तक उसे रोकना मुश्किल होने लगे। फिर श्वास तब तक लेते रहें जब तक पूर्ण न हो जाएं और फिर श्वास को सुविधानुसार अंदर ही रोककर रखें। इस तरह पूरक, रेचक और कुंभक का अभ्यास करें। अब रेचक पर ध्यान दें : पूरक, रेचक और कुंभक के अच्छे से अभ्यास के बाद सिर्फ रेचक क्रिया ही करें। श्वास छोड़ने की प्रक्रिया को ही रेचक कहते हैं और जब इसे थोड़ी ही तेजी से करते हैं तो इसे कपालभाती प्राणायाम कहते हैं। एडिशनल : सिर्फ 10 मिनट के लिए श्वास लेने और छोड़ने का एनर्जी वॉल्यूम खड़ा कर दें। ऐसा वॉल्यूम जो आपकी बॉडी और माइंड को झकझोर दे। फिर चीखें, चिल्लाएं, नाचें, गाएं, रोएं, कूदें और हंसें। यह रेचक प्रक्रिया है। इसका लाभ : इस क्रिया से सारा स्ट्रेस बाहर आ जाता है। ‍अना...

सफ़ेद दाग /LECOUDERMA /VITILIGO

सफ़ेद दाग /LECOUDERMA /VITILIGO सफ़ेद दाग के रोगी को नमक कम से कम खाना चाहिए। अच्छे परिणाम के लिए सैंधा नमक खाए। दूध के साथ कोई भी नमक वाली वस्तु ना खाए। चाय बंद कर दे। यदि कुछ दिन दूध भी बंद कर दे तो अधिक लाभ होगा। चीनी, गुड व अन्य मीठा भी कम कर दे। सफ़ेद दाग की दवाई शुरू करने से पहले पेट साफ की दवाई (Duphalac 25ml )जरूर ले। दवाई शुरू करने के बाद भी हर 15 दिन मे पेट साफ़ की दवाई जरूर ले। इससे लाभ जल्दी होता है। यह केवल कल्पना है कि सफ़ेद वस्तुए खाने से सफ़ेद दाग बढ़ते हैं। सच्चाई यह है कि मुली, चावल जैसी सफ़ेद वस्तुए इस रोग मे कोई हानि नहीं करती। परहेज (कम से कम प्रयोग करे)–दही, लस्सी, उरद(माह) की दाल, सेम, पिट्ठी से बनी वस्तुए जैसे दहीबड़ा, कचौरी आदि, मछली, अंडा, चाउमीन, पिज्जा (चाउमीन/पिज्जा मे अजीनोमोटों का प्रयोग होता है)। खटाई जैसे इमली, नींबू, अमचूर, कांजी आदि, जलन करने वाले भोजन जैसे लाल/हरी मिर्च, राई, अदरक,रायता, शराब/सिरका आदि, अभिष्यन्दी जैसे दही, खीर, बर्फी, आइसक्रीम आदि, विरोधी भोजन (जैसे दूध के साथ नमक, खटाई,जामुन आम आदि, घी के ऊपर ठंडा पानी, पानी मे शहद...

नारसिंह चूर्ण

नारसिंह चूर्ण ---------- जेसे नाम वैसा काम कमजोर से कमजोर आदमी को भी जो शेर जेसी ताकत प्रदान कर दे उसे नारसिंह चूर्ण बोलते ह यह चूर्ण उत्तम बाजीकरण बलवीर्यवर्द्धक बुढ़ापे ओर बीमारियाँ को दूर रखता हे जिन्न भी आयुर्वेदिक औषधियोँ पर शक हो े इस चूर्ण को जरुर आजमा कर देखना चाहिए इसके सेवन काल मेँ दूध की मिठाई शुद्ध देसी घी पनीर पोस्टिक पदार्थोँ का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए जी ने खाना हजम न होता हो उनके लिए यह वरदान ह यह शरीर को बल वीर्य से पुष्ट कर कर धातुओं की जबरदस्त वृद्धि कर शरीर मेँ नई स्फूर्ति बल वीर्य की वृद्धि कर की वृद्धि कर काम शक्ति को असीमित बढ़ा देता ह फूला शरीर काम शक्ति का अभाव शरीर मेँ स्फूर्ति की कमी दौर्बल्य शुक्राणु की गतिशीलता मेँ कमी होना अर्थात संतान पैदा करने के लायक न होना शुक्राणु मेँ गतिशीलता की कमी इसके सेवन से कुछ दिनो मेँ छू मंतर हो जाती हे खूब भूख लगने लग जाती हे शरीर मेँ बल महसूस होने लगता ह नामर्द भी इसके सेवन से अपने आप मेँ मर्दानगी का अनुभव करने लगता हे लक्ष्मण मेँ इसका सेवन अमृत तुल्य लाभ देता हे अगर आप दवाइयाँ अजमा अजमा कर थक चुके ह...

गोरखमुंडी

आँखों की चिकित्सा- भाग 1  ‪#‎ Ayurved‬   ‪#‎ आयुर्वेद‬ जिन की आंखे कमजोर हैं, जिन्हे नजदीक या दूर का चश्मा लगा हुआ है वह यह प्रयोग करे। ये सभी प्रयोग अनेक बार आजमाए हुए व सुरक्षित हैं। किसी को भी कोई हानी नहीं होगी। लाभ किसी को कम व किसी को अधिक हो सकता है परंतु लाभ सभी को होगा। हो सकता है किसी का चश्मा न उतरे परंतु चश्मे का नंबर जरूर कम होगा। प्रयोग करने से सिर मे दर्द नहीं होगा। बाल दोबारा काले हो जाएगे। बाल झड़ने रूक जाएगे। खाने की दवाई- गोरखमुंडी एक एसी औषधि है जो आंखो को जरूर शक्ति देती है। अनेक बार अनुभव किया है। आयुर्वेद मे गोरखमुंडी को रसायन कहा गया है। आयुर्वेद के अनुसार रसायन का अर्थ है वह औषधि जो शरीर को जवान बनाए रखे। प्रयोग विधि- - 1- गोरखमुंडी का पौधा यदि यह कहीं मिल जाए तो इसे जड़ सहित उखाड़ ले। इसकी जड़ का चूर्ण बना कर आधा आधा चम्मच सुबह शाम दूध के साथ प्रयोग करे । इसका चित्र गुगुल पर देखे 2- बाकी के पौधे का पानी मिलाकर रस निकाल ले। इस रस से 25% अर्थात एक चौथाई घी लेकर पका ले। इतना पकाए कि केवल घी रह जाए। यह भी आंखो के लिए बहुत गुणकारी है। 3- बाजार मे साबुत पौधा ...

चक्र

नाड़ी तंत्र एवं सात चक्र सूर्य व चद्र नाड़ी-  इच्छाओं की पूर्ति के लिए कोई  क्षमता अवश्य होनी चाहिए। इच्छा तृप्ति के लिए यह शक्ति शरीर के दायीं ओर पिंगला नाड़ी पर कार्यवृति धारण करती है। यह कार्य स्रोत शारीरिक तथा बौद्धिक गतिविधियों का स्रोत है। अपनी गतिविधि के उप-फल के रूप में यह मस्तिष्क के दायीं ओर अंह को विकसित करता है। बायें और दायें दोनों सूक्ष्म-मार्ग स्थूल रूप से मेरूरज्जू के बाहर नाड़ी-प्रणाली को व्यक्त करते है। सूर्य स्रोत में पुरूषत्व गुण जैसे विश्लेषण ,  स्पार्धा ,  सहनशीलता आदि निहित है। चन्द्र स्रोत में सोम्यता ,  प्रतिसम्वेदना ,  सहयोग तथा अतर्बोध आदि मादा गुण सम्मिलित है। मस्तिष्क के दो गोलार्ध विरोधी परन्तु सम्पूरक कार्य करते है। शरीर के दायें भाग पर नजर रखने वाले बायें गोलर्ध की विशेषता विचार करना ,  योजना बनाना तथा विश्लेषण करने जैसे रैखिक प्रक्रम है। शरीर के बायें भाग का ध्यान रखने वाला दायां गोलार्ध भावना ,  स्मृति और इच्छाऔं आदि में कार्यरत है। सात चक्र 1-  मूलाधार चक्र- रीढ़ की हड्ड़ी के निचले छोर ...