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हौसला

कुछ मेंढको का झुण्ड एक बार जंगल से गुज़र रहा था. वे ख़ुशी ख़ुशी जा रहे
थे. पर अचानक उनमे से 2 मेंढक एक गड्ढे में गिर गए.
वो गड्ढा इतना गहरा था की उसमे से छलांग लगाकर बहार आना बहुत
ही मुश्किल था. जब बाकि सारे मेंढको ने ये देखा तो वो सभी उसके आस
पास जमा हो गए. और उनका हौसला बढाने के बजाये कहने लगे की, अब
तुम्हारा कुछ नहीं हो सकता. तुम यही मर जाओगे. पर गड्ढे में गिरे
दोनों मेंढको ने उनकी बात को नजरंदाज़ किया. और बहार निकलने
की कोशिश करने लगे. पर बाकि सभी उन्हें बाहर से चिल्लाने लगे की तुम
नहीं कर सकते, तुम मर जाओगे. हार मन लों.
आख़िरकार एक मेंढक ने उनकी बात सुन ली. और और उसने हार मन ली.
वो थोड़ी देर बाद मर गया. जबकि दूसरा मेंढक अभी तक कोशिश कर
रहा था. उसने हार नहीं मानी. और दूसरी और बाकि सभी मेंढक
पूरी कोशिश कर रहे the की उसे निराश करने की. ताकि वो हार मान ले.
पर उनकी कोशिशो के बावजूद, उस मेंढक ने आख़िरकार अपनी जान
लगाकर छलांग लगायी. और बहार निकल आया.
जब वो बहार आया. तो दुसरे मेंढको ने उसे
पूछा की क्या तुम्हे सुनाई नहीं दिया हम जो कह रहे थे. तब
पता लगा की वो मेंढक बहरा था. और उसे लग
रहा था की वो सभी उसका बहार आने में हौसला बढ़ा रहे थे.
कहानी का आशय सीधा है. या तो आप दुनिया की सुन कर
अपनी पसंदीदा चीज़े और अपने सपने भुला दीजिये. या फिर
उनकी सुनना बंद कीजिये, जो करना चाहते है उसे साकार करें. और एक
benchmark बनाइये. लोगों को आपका हौसला गिराने की कोशिश करने के
अलावा और कुछ काम नहीं है. आप बस करिए. अपने सपने पुरे.

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