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Showing posts from August, 2013

प्रकृति के संकेत खाद्य पदार्थ-

प्रकृति के संकेत खाद्य पदार्थ--- 1. अखरोट की रचना सिर की तरह होती है तथा उसके अंदर भरा हुआ गूदा मस्तिष्क की तरह होता है। यही गूदा पर्याप्त मात्रा में नियमित सेवन करने से सिर संबंधी समस्याओं पर कंट्रोल होता है तथा मस्तिष्क की कार्य क्षमता एवं क्रिया प्रणाली में पॉजीटिव प्रभाव नजर आने लगता है। 2. पिस्ता आँख की भाँति दिखाई देता है। पिस्ते के अंदर का खाया जाने वाला हरे रंग का हिस्सा आँख के लिए परम लाभदायक होता है, इसलिए नेत्रों के लिए परम लाभदायक होता है। नेत्र लाभ के लिए कुछ मात्रा में पिस्ते का सेवन हमें करना चाहिए या यूँ कहें कि नेत्र रोगों के इलाज में पिस्ता आपकी सहायता कर सकता है। 3. जिन्होंने किडनी को देखा है या जो उसके आकार से परिचित हैं, वे यह कह सकते हैं कि काजू, सोयाबीन तथा किडनी बीन जैसे कुछ मेवे तथा फली वाले अनाज वगैरह किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं। 4. किशमिश या अंगूर की रचना पित्ताशय (गाल ब्लैडर) से बहुत कुछ 'मैच' करती है, इसीलिए पित्ताशय को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए किशमिश या अंगूर का सेवन लाभदायक हो सकता है। 5. बादाम का आकार...

गले और छाती

गले में किनती भी ख़राब से ख़राब बीमारी हो, कोई भी इन्फेक्शन हो, इसकी सबसे अच्छी दवा है हल्दी । जैसे गले में दर्द है, खरास है , गले में खासी है, गले में कफ जमा है, गले में टोनसीलाईटिस हो गया ; ये सब बिमारिओं में आधा चम्मच कच्ची हल्दी का रस लेना और मुह खोल कर गले में डाल देना , और फिर थोड़ी देर चुप होके बैठ जाना तो ये हल्दी गले में निचे उतर जाएगी लार के साथ ; और एक खुराक में ही सब बीमारी ठीक होगी दु बारा डालने की जरुरत नही । ये छोटे बच्चो को तो जरुर करना ; बच्चो के टोन्सिल जब बहुत तकलीफ देते है न तो हम ऑपरेशन करवाके उनको कटवाते है ; वो करने की जरुरत नही है हल्दी से सब ठीक होता है । गले और छाती से जुडी हुई कुछ बीमारिया है जैसे खासी ; इसका एक इलाज तो कच्ची हल्दी का रस है जो गले में डालने से तुरन्त ठीक हो जाती है चाहे कितनी भी जोर की खासी हो । दूसरी दवा है अदरक , ये जो अदरक है इसका छोटा सा टुकड़ा मुह में रख लो और ट़ाफी की तरह चुसो खासी तुरन्त बंद हो जाएगी । अगर किसी को खासते खासते चेहरा लाल पड़ गया हो तो अदरक का रस ले लो और उसमे थोड़ा पान का रस मिला लो दोनों एक एक चम्मच और उसमे मिल...

( मधुमेह)

( मधुमेह) Diabities नियंत्रित करने के लिए  -----_________________________ ___________________________ सुबह 1-2 किलो कच्चा करेला टुकड़े - टुकड़े करके तसले में डाल दें और अपने पैरों से 1/2 से 3/4 घंटे तक तक कुचलें जब तक जीभ में कड़वाहट का अहसास ना हो l 7-10 दिन तक ये प्रयोग करेंl इससे Diabetes नियंत्रित होती है l भिन्डी के पौधे सूखे होते हैं, उनको कूट दो, मैदा छान कर लो l 1-2 चम्मच पाउडर और शक्कर मिलाकर, पानी से पी लो l इससे भी Diabetes कण्ट्रोल होती है l

खुजली का घरेलू उपचार

खुजली का घरेलू उपचार ------------------------- *नींबू का रस बराबर मात्रा में अलसी के तेल के साथ मिलाकर खुजली वाली जगह पर मलने से हर तरह की खुजली से छुटकारा मिलता है। *नारियल के ताज़े रस और टमाटर का मिश्रण खुजली वाली जगह पर लगाने से भी खुजली दूर हो जाती है। *अगर खुजली पूरे शरीर में फैल रही है तो 3 या 4 दिनों तक पीसी हुई अरहर की दाल दही में मिश्रित करके पूरे शरीर पर लगायें। इससे खुजली फैलने से रुक  जायेगी और जल्द ही गायब भी हो जायेगी। *शुष्क त्वचा के कारण होने वाली खुजली को दूध की क्रीम लगाने से कम किया जा सकता है। *खुजली वाली त्वचा पर नारियल तेल अथवा अरंडी का तेल लगाने से बहुत फायदा मिलता है। *बबूल के पेड़ की छाल से एक्ज़िमा के कारण हो रही खुजली नियंत्रण में आती है।

आंखों की रोशनी

ज्यादा टी.वी. देखने लगातार कम्प्यूटर स्क्रीन पर काम करने या अन्य कारणों से अक्सर देखने में आता है कि कम उम्र के लोगों को भी जल्दी ही मोटे नम्बर का चश्मा चढ़ जाता है। अगर आपको भी चश्मालगा है तो आपका चश्मा उतर सकता है।नीचे बताए नुस्खों को चालीस दिनों तक प्रयोग में लाएं। निश्चित ही चश्मा उतर जाएगा साथ थी आंखों की रोशनी भी तेज होगी। सुबह नंगे पैर घास पर मार्निंग वॉक करें। नियमित रूप से अनुलोम-विलोम  प्राणायाम करें। बादाम की गिरी, बड़ी सौंफ और मिश्री तीनों का पावडर बनाकर रोज एक चम्मच एक गिलास दूध के साथ रात को सोते समय लें। त्रिफला के पानी से आंखें धोने से आंखों की रोशनी तेज होती है। पैर के तलवों में सरसों का तेल मालिश करने से आंखों की रोशनी तेज होती है। सुबह उठते ही मुंह में ठण्डा पानी भरकर मुंह फुलाकर आंखों पर छींटे मारने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।

उत्तम जड़ी-बूटी है शिलाजीत

उत्तम जड़ी-बूटी है शिलाजीत भारतीय जड़ी-बूटियों में शिलाजीत का एक विशिष्ट स्थान है। आयुर्वेद ने शिलाजीत की बहुत प्रशंसा कीहै और इसकी गुणवत्ता को प्रतिष्ठित किया है। आयुर्वेद के बलपुष्टिकारक, ओजवर्द्धक, दौर्बल्यनाशक एवं धातु पौष्टिक अधिकांश नुस्खों में शिलाजीत का प्रयोग किया जाता है। इसकी एक बहुत बड़ी विशेषता यह है कि यह सिर्फ रोग ग्रस्त का रोग दूर करने के लिए ही उपयोगी नहीं है, बल्कि स्वस्थ व्यक्ति  के लिए भी उपयोगी है। इसे यौन दौर्बल्य यानी नपुंसकता से पीड़ित विवाहित व्यक्ति ही नहीं, अविवाहित युवक भी सेवन कर सकता है। विशेषकर मधुमेह, धातु क्षीणता, बहुमूत्र, स्वप्नदोष, सब प्रकार के प्रमेह, यौन दौर्बल्य यानी नपुंसकता, शरीर की निर्बलता, वृद्धावस्था की निर्बलता आदि व्याधियों को दूर करने के लिए शिलाजीत उत्तम गुणकारी सिद्ध होती है। ऐसा कोई साध्य रोग नहीं है, जिसे उचित समय पर, उचित योगों के साथ विधिपूर्वक किया गया शिलाजीत का प्रयोगनष्ट न कर सके। शिलाजीत सब प्रकार की व्याधियों को नष्ट करने के लिए प्रसिद्ध है। स्वप्नदोष : स्वप्नदोष से ज्यादातर तो अविवाहित युवक ही पीड़ित पाए जाते हैं पर विव...

अश्वगंधा

अश्वगंधा, जिसे कि विन्टर चेरी भी कहा जाता है, एक अत्यन्त लोकप्रिय आयुर्वेदिक औषधि है। वनस्पति शास्त्र में इसे “withania somnifera” के नाम से जाना जाता है। अश्वगंधा का प्रयोग तनाव मुक्ति के लिये किया जाता है। अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि अश्वगंधा में “एन्टी इंफ्लेमेटरी”, “एंट ट्यूमर”, “एंटी स्ट्रेस” तथा “एंटीआक्सीडेंट”गुण पाये जाते हैं। • आयुर्वेद में अश्वगंधा कोएक ऐसा रसायन माना जाता है जो कि स्व ास्थ्य तथा आयु में वृद्धिकारक है। • अश्वगंधा मनोवैज्ञानिक क्रियाओं को सामान्य बनाये रखता है। • अश्वगंधा के जड़ तथा फलियों को आयुर्वेदिक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। • भारत में अश्वगंधा का प्रयोग प्रायः मानसिक कमियों को दूर करने के लियेकिया जाता है। अश्वगंधा एक झाड़ीदार रोमयुक्त पौधा है। अश्वगंधा कहने को एक पौधा है, लेकिन यह बहुवर्षीय पौधा पौष्टिक जड़ों से युक्त है। अश्वगंधा के बीज, फल एवं छाल का विभिन्न रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता है। आइए जानें अंश्वगंधा पौधें के अनेक फायदों के बारे में। • अश्वगंधा पौधे की पत्तियां त्वचा रोग, शरीर की सूजन एवं शरीर पर पड़े घाव और जख्म भरने जैसी ...

इलायची

गर्मियों में हो जाए इलायचीवाली एक कप चाय !!! इलायची की एक बहुत ही आकर्षक गंध है जो तंत्रिकाओं को शांत करना करसकते है। जब एक व्यक्ति को उदास है, उस में इलायची डाल द्वारा बनाई गई चाय लगभग चमत्कारी प्रभाव हो सकता है।इलायची में एंटीआक्सीडेंट होता है। इसीलिए इससे रोगप्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है। साथही चेहरे पर जल्दी झुर्रियां नहीं पड़ती व चेहरे की चमक भी बढ़ती है। इलायची डालने से एक कप चाय का गुण कई  गुना बढ़ जाता है। इलायची के कुछ अन्य उपयोग भी इस प्रकार है। - इलायची को मोटे तौर पर दांतों में संक्रमण के इलाजके लिए इस्तेमाल किया जाता है। - यह गैस में राहत पहुंचानेके साथ कलेजे की जलन को कम करती है। - इलायची का पेस्ट बनाकर माथे पर लगाएं। सिरदर्द मेंतुरंत आराम मिलेगा। - धूप में जाते समय मुंह में इलायची जरूर डालें। - मुंह से दुर्गन्ध आती हो, इसका इस्तेमाल करें। - सफर में मुंह में इलायची रखें। उल्टी नहीं आएगी। - सांस लेने में तकलीफ हो तो, मुंह में एक इलायची डालें, आराम मिलेगा। - अस्थमा और कफ के रोगी इलायची के पाउडर को शहद के साथ चाटें। फायदा मिलेगा। - यदि आवाज बैठी हुई है या गले में खराश...

गर्भस्थापन

गर्भस्थापन के लिएःगर्भस्थापन :ऋतुकाल में यदि वन्ध्या स्त्री पुष्य  नक्षत्र में लाकर रखे हुए वटशुंग (बड़ के कोंपलों) के चूर्ण को जल के साथ सेवन करे तो उसे अवश्य गर्भधारण होता है। - आयुर्वेदाचार्य  शोढलबल-वीर्य की वृद्धिःबड़ के कच्चे फल छाया में सुखा के चू र्ण बना लें। बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर रख लें।  10 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम दूध के साथ 40 दिन तक सेवन करने से बल-वीर्य और स्तम्भन (वीर्यस्राव को रोकने की)शक्ति में भारी  वृद्धि होती है। निम्न रक्तचाप में:10 बूँद बरगद का दूध, लहसुन का रस आधा चम्मच तथा तुलसी का रस आधा चम्मच इन तीनों को मिलाकर  चाटने से निम्न रक्तचाप में आराम मिलता है। छाइयाँ :बरगद का दूध चेहरे पर प्रतिदिन मलें। बीस मिनट बाद ठंडे पानी से धो डालें। बरगद के दूध में बहुत शक्ति व शीतलता होती  है। इससे एक सप्ताह में आपकी छाइयाँ समाप्त हो गाँठ:शरीर में कहीं गठान हो तो प्रारम्भिक स्थिति में तो गाँठ बैठ जाती है और  बढ़ी  हुई स्थिति में पककर फूट जाती है।अतिसार में:दूध को नाभि में भरकर थोड़ी देर लेटने से अतिसार में आराम होत...

~गुनगुना पानी~

~गुनगुना पानी~ इसमें कोई शक नही पानी स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है लेकिन गर्म पानी भी औषधीय गुणों की खान है. - पानी को थोड़ा गर्म करके पी लें तो कब्ज को दूर करने में भी मदद मिलती है. - गर्म पानी से स्नान थकान मिटाने, त्वचा को निखारने और इसकी बीमारियों को दूर करने का सबसे अच्छा साधन है. - गर्म पानी का इस्तेमाल वजन कम करने, रक्त प्रवाह को संतुलित बनाने और रक्त प्रवाह का संचार ठीक से करने में भी लाभ कारी है. - गुनगुने पानी को मुंह में घुमा घुमा कर घूंट घूंट करके पीने से मोटापा नियंत्रित होता है. - गुनगुना पानी शरीर में मौजूद गंदगी को साफ करने कीप्रक्रिया तेज करता है और गुर्दों के माध्यम से गंदगीबाहर निकल जाती हैं. - शाररिक श्रम करने के पहलेथोड़ा गुनगुना पानी पी ले थकान कम महसूस होगी और आपकाशरीर ज्यादा हल्का महसूस करेगा. - गर्म पानी के साथ नींबू और शहद का मिश्रण बनाकर सेवन करने से आपकी प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और वजन कम करने में भी ये नुस्खा लाभदायक है। - ठंडे पानी को जहां गुर्दों के लिए हानिकारक माना जाता है वही गुर्दों की सेहत अच्छी बनाए रखने केलिए दिन में कम से कम दो बारयानी सुबह-शा...

भूत भगाने के 10 सरल उपाय

भूत भगाने के 10 सरल उपाय हिन्दू धर्म में भूतों से बचने के अनेक उपाय बताए गए हैं। चरक संहिता में प्रेत बाधा से पीड़ित रोगी के लक्षण और निदान के उपाय विस्तार से मिलते हैं।  ज्योतिष साहित्य के मूल ग्रंथों- प्रश्नमार्ग, वृहत्पराषर, होरा सार, फलदीपिका, मानसागरी आदि में ज्योतिषीय योग हैं जो प्रेत पीड़ा, पितृ दोष आदि बाधाओं से मुक्ति का उपाय बताते हैं। अथर्ववेद में भूतों और दुष्ट आत्माओं को भगाने से संबंधित अनेक उपायों का वर्णन मिलता है। यहां प्रस्तुत है प्रेतबाधा से मुक्ति के 10 सरल उपाय। 1. ॐ या रुद्राक्ष का अभिमंत्रित लॉकेट गले में पहने और घर के बाहर एक त्रिशूल में जड़ा ॐ का प्रतीक दरवाजे के ऊपर लगाएं। सिर पर चंदन, केसर या भभूति का तिलक लगाएं। हाथ में मौली (नाड़ा) अवश्य बांध कर रखें। 2. दीपावली के दिन सरसों के तेल का या शुद्ध घी का दिया जलाकर काजल बना लें। यह काजल लगाने से भूत, प्रेत, पिशाच, डाकिनी आदि से रक्षा होती है और बुरी नजर से भी रक्षा होती है। 3. घर में रात्रि को भोजन पश्चात सोने से पूर्व चांदी की कटोरी में देवस्थान या किसी अन्य पवित्र स्थल पर कपूर तथा लौंग जला दें। इससे आक...

आर्थराइटिस का उपचार

आर्थराइटिस का उपचार : १. दोनों तरह के आर्थराइटिस (Osteoarthritis और Rheumatoid arthritis) मे आप एक दावा का प्रयोग करे जिसका नाम है चुना, वोही चुना जो आप पान म े खाते हो | गेहूं के दाने के बराबर चुना रोज सुबह खाली पेट एक कप दही मे मिलाके खाना चाहिए, नही तो दाल मे मिलाके, नही तो पानी मे मिलाके पीना लगातार तिन महीने तक, तो आर्थराइटिस ठीक हो जाती है | ध्यान रहे पानी पिने के समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए नही तो ठीक होने मे समय लगेगा | अगर आपके हात या पैर के हड्डी मे खट खट आवाज आती हो तो वो भी चुने से ठीक हो जायेगा | २. दोनों तरह के आर्थराइटिस के लिए और एक अछि दावा है मेथी का दाना | एक छोटा चम्मच मेथी का दाना एक काच की गिलास मे गरम पानी लेके उसमे डालना, फिर उसको रात भर भिगोके रखना | सबेरे उठके पानी सिप सिप करके पीना और मेथी का दाना चबाके खाना | तिन महीने तक लेने से आर्थराइटिस ठीक हो जाती है | ध्यान रहे पानी पिने के समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए नही तो ठीक होने मे समय लगेगा | ३. ऐसे आर्थराइटिस के मरीज जो पूरी तरह बिस्तर पकड़ जुके है, चाल्लिस साल से तकलीफ है या तिस साल स...