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Showing posts from July, 2013

गुड के औषधीय गुण

गुड के औषधीय गुण गुड़ गन्ने से तैयार एक शुद्ध, अपरिष्कृत पूरी चीनीहै। यह खनिज और विटामिन है जो मूल रूप से गन्ने के रस में ही मौजूद हैं। यह प्राकृतिक होता है। पर लिए ज़रूरी है की देशी गुड लिया जाए , जिसके रंग साफ़ करने में सोडा या अन्य केमिकल ना हो।यह थोड़े गहरे रंग का होगा।इसे चीनी का शुद्धतम रूप माना जाता है।  गुड़ का उपयोग मूलतः दक्षिण एशिया मे किया जाता है। भारत के ग्रामीण इलाकों मे गुड़ का उपयोग  चीनी के स्थान पर किया जाता है। गुड़ लोहतत्व का एक प्रमुख स्रोतहै और रक्ताल्पता (एनीमिया) केशिकार व्यक्ति को चीनी के स्थान पर इसके सेवन की सलाह दी जाती है। आयुर्वेदिक चिकित्सा के अनुसार गुड़ का उपभोग गले और फेफड़ों केसंक्रमण के उपचार में लाभदायक होता है। - देशी गुड़ प्राकृतिक रुप से तैयार किया जाता है तथा कोई रसायन इसके प्रसंस्करण के लिए उपयोग नहीं किया जाता है, जिससे इसे अपने मूल गुण को नहीं खोना पड़ता है, इसलिए यह लवण जैसे महत्वपूर्ण खनिज से युक्त होता है। - गुड़ सुक्रोज और ग्लूकोज जो शरीर के स्वस्थ संचालन के लिए आवश्यक खनिज और विटामिन का एक अच्छा स्रोत है। - गुड़ मैग्नीशियम का ...

फाइलेरिया

फाइलेरिया का एलोपेथी में कोई इलाज नहीं . कपाल भाति प्राणायाम आधा आधा घंटा करने से ही ये ठीक हो जाता है . इससे वेरिकोज़ वेंस की समस्या ठीक हो जाती है .  इसके अलावा इसमें आयुवेदिक दवाइयां -आरोग्य वर्धिनी वटी ,कचनार गुग्गुल ,पुनर्नवादी गुग्गुल और काढा इत्यादि काम आती है .. नित्यानंद रस , अपामार्ग , दशमूल क्वाथ,देवदार , गोक्शुरादी गुग्गुल,गोमूत्र हरीतकी भी इसमें लाभकारी है . पर कपाल भाति प्राणायाम कम से कम आधा घंटा करना अत्यावश्यक है . जिस क्षेत्र में फाइलेरिया अधिक है ; वहां ३ बेल पत्र रोज़ खाने से इससेबचा जा सकता है .१० लहसुन कीकलियाँ रोज़ खाना भी लाभकारी है .यह अधिकतर कफ दोष से होता है , पर कभी कभी वात दोष भी देखा गया है . इसलिए पञ्च कर्म चिकित्सा भी अवश्य लें 

( मधुमेह) Diabities नियंत्रित करने के लिए

( मधुमेह) Diabities नियंत्रित करने के लिए  -----_________________________ ___________________________ सुबह 1-2 किलो कच्चा करेला टुकड़े - टुकड़े करके तसले में डाल दें और अपने पैरों से 1/2 से 3/4 घंटे तक तक कुचलें जब तक जीभ में कड़वाहट का अहसास ना हो l 7-10 दिन तक ये प्रयोग करेंl इससे Diabetes नियंत्रित होती है l भिन्डी के पौधे सूखे होते हैं, उनको कूट दो, मैदा छान कर लो l 1-2 चम्मच पाउडर और शक्कर मिलाकर, पानी से पी लो l इससे भी Diabetes कण्ट्रोल होती है l एडमिन-अंशुमन

स्वप्नदोष दूर करने के कुछ सरल उपाय

स्वप्नदोष दूर करने के कुछ सरल उपाय ------------------------------ By- Nature Care Society * तुलसी की जड़ का काढा ४-५ चमच्च की मात्रा में नियमित रूप से सोने से पहले कुछ हफ़्तों तक पीने से स्वप्नदोष दूर होता है l *एक चमच्च की मात्रा में बड़े गोखरू के फल का चूर्ण , थोडा घी और मिश्री मिलाकर एक हफ्ते तक सुबह शाम लेने से भी स्वप्नदोष दूर होता है l *अपामार्ग की जड़ का चूर्ण और मिश्री को समान मात्रा में पीस कर एक साथ मिश्रण कर लें ! इस मिश्रण को एक चमच्च की मात्रा में दिन में तीन बार दो हफ्ते तक सेवन करने से स्वप्नदोष से छुटकारा मिल जाता है l *इसबगोल और मिश्री बराबर मिलाकर एक चमच्च एक कप दूध के साथ रात को सोने से एक घंटे पहले लें और उसके बाद सोते समय मूत्र त्याग करके सो जाएँ ! इससे भी स्वप्नदोष का निराकरण होता है l *आँवले के रस में इलायची के दाने और इसबगोल बराबर की मात्रा में मिलाकर सुबह शाम एक एक चमच्च का सेवन करने से भी स्वप्नदोष दूर होता है l
उरद की दाल से बना दही वड़ा । ______________________ मित्रो आयूर्वेद के अनुसार कभी भी दो विरुद्ध वस्तूये एक साथ नहीं खानी चाहिए । विरुद्ध वस्तुओ से अभिप्राय ऐसी वस्तूए जिनका गुण - धर्म अलग हो । ऐसी कुछ 103 चीज़े आयूर्वेद में बाताई गई है । जो एक साथ कभी नहीं खानी चाहिए । उदाहरण के लिये प्याज और दूध कभी एक साथ न खाये । एक दुसरे के जानी दुशमन हैं । इसको खाने से सबसे ज्यादा चमड़ी के रोग आपको होगें दाद,खाज ,खुजली,एगसिमा ,सोराईसिस, आदि । ऐसी ही कटहल (jack fruit )और दूध कभी न खाये । ये भी जानी दुश्मन हैं । ऐसे ही खट्टे फ़ल जिनमे सिट्रिक ऐसिड होता है कभी न खायें । एक सिट्रिक ऐसिड तो इनसान का बनाया है एक भगवान का बनाया है । जैसे संतरा । कभी दूध के साथ न खाये । आयुर्वेद के अनुसार अगर कोई खट्‌टा फ़ल दूध के साथ खाने वाला है वो एक ही है आवला । आवला दूध के साथ जरुर खाये । इसी तरह शहद और घी कभी भी एक साथ न खायें । आम की दोस्ती दूध से जबरद्स्त हैं लेकिन खट्टे आम की नहीं |इसलिये मैग़ो शेक पी रहे है तो ध्यान रखे आम खट्‌टा ना हो । । ऐसी ही उरद की दाल और दही एक दुसरे के जानी ...

एसिडिटी

एसिडिटी के लिए घरेलू नुस्खे –एसिडिटी होने पर मुलेठी का चूर्ण या काढ़ा बनाकर उसका सेवन करना चाहिए। इससे एसिडिटी में फायदा होता है। नीम की छाल का चूर्ण या रात में भिगोकर रखी छाल का पानी छानकर पीनाचाहिए। ऐसा करने से अम्लापित्त या एसिडिटी ठीक हो जाता है। एसिडिटी होने पर त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करने से फायदा होता है। त्रिफला को दूध के साथ पीनेसे एसिडिटी समाप्त होती है। दूध में मुनक्का डालकर उबालना चाहिए। उसके बाद दूधको ठंडा करके पीने से फायदा होता है और एसिडिटी ठीक होती है। एसिडिटी के मरीजों को एक गिलास गुनगुने पानी में चुटकी भर काली मिर्च का चूर्ण तथा आधा नींबू निचोड़कर नियमित रूप से सुबह पीना चाहिए। ऐसा करने से पेट साफ रहता है और एसिडिटी में फायदा होता है। सौंफ, आंवला व गुलाब के फूलों को बराबर हिस्से में लेकर चूर्ण बना लीजिए। इस चूर्ण को आधा-आधा चम्मच सुबह-शाम लेने से एसिडिटी में फायदा होता है। एसिडिटी होने पर सलाद के रूप में मूली खाना चाहिए। मूली काटकर उसपर काला नमक तथा कालीमिर्च छिडककर खाने से फायदा होता है। जायफल तथा सोंठ को मिलाकर चूर्ण बना लीजिए। इस चूर्...
खांसी का उपचार जितनी जल्दी हो जाएं उतना बेहतर है। आयुर्वेद में खांसी का स्थायी इलाज भी मौजूद हैं। आयुर्वेद के अनुसार, जब कफ सूखकर फेफड़ों और श्वसन अंगों पर जम जाता है तो खांसी होती है। आयुर्वेद की औषधिंयां खांसी में इतनी प्रभावशाली होती हैं कि इन्हें कोई भी आसानी से ले सकता है। सूखी खांसी होने पर अमृर्ताण्व रस सुबह-शाम पानी से लेनी चाहिए। सितोपलादि चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से खांसी में आराम मिलता है। तालिसादि चूर्ण दिन भर में दो-तीन बार लेने से खांसी में कमी आती है। हल्दी, गुड़ और पकी फिटकरी का चूर्ण मिलाकर गोलियां बनाकर लेने से खांसी कम होती है। तुलसी, काली मिर्च और अदरक की चाय खांसी में सबसे बढि़या रहती हैं। गुनगुने पानी से गरारे करने से गले को भी आराम मिलता है और खांसी भी कम होती है। सूखी खांसी में काली मिर्च को पीसकर घी में भूनकर लेना भी अच्छा रहता है। कुछ गोलियों को चूसने से भी खांसी में आराम मिलता है। चंदामृत रस भी खांसी में अच्छा रहता है। हींग, त्रिफला, मुलहठी और मिश्री को नीबू के रस में मिलाकर लेने से खांसी कम करने में मदद मिलती है। त्रिफला और शहद बराबर ...
एक हीरा व्यापारी था जो हीरे का बहुत बड़ा विशेषज्ञ माना जाता था । किन्तु किसी गंभीर बीमारी के चलते अल्प आयु में ही उसकी मृत्युहो गयी । अपने पीछे वह अपनीपत्नी और बेटा छोड़ गया । जब बेटा बड़ा हुआ तो उसकी माँ ने कहा, “बेटा , मरने से पहले तुम्हारे पिताजी ये पत्थर छोड़ गए थे, तुम इसे लेकर बाज़ार जाओ औरइसकी कीमतका पता लगाओ | लेकिन ध्यान रहे कि तुम्हे केवल कीमत पता करनी है, इसे बेचना नहीं है |” युवक पत्थर लेकर निकला, सबसे पहलेउसे एक सब्जी बेचने वाली महिला मिली | ”अम्मा, तुम इस पत्थर के बदले मुझेक्या दे सकती हो ?”, युवक ने पूछा | ”देना ही है तो दो गाजरों के बदले मुझे ये दे दो | तौलने के काम आएगा|”- सब्जी वाली बोली । युवक आगे बढ़ गया । इस बार वो एक दुकानदार के पास गया और उससे पत्थर की कीमत जानना चाही । दुकानदार बोला, ” इसके बदले मैं अधिक से अधिक 500 रूपये दे सकता हूँ, देना हो तो दो नहीं तो आगे बढ़ जाओ” | युवक इस बार एक सुनार के पास गया, सुनार ने पत्थर के बदले 20 हज़ार देने की बात की | फिर वह हीरे की एक प्रतिष्ठित दुकान पर गया वहां उसे पत्थर के बदले 1 लाख रूपये का प्रस्ताव मिला | ...
रोग व पापनाशक पंचगव्य ---------- ______________________________ _______________________ पंचगव्य शरीर के साथ मन व बुद्धि को भी शुद्ध, सबल व पवित्र बनाता है | शरी र में संचित हुए रोगकारक तत्वों का उच्चाटन कर सम्भावित गम्भीर रोगों से रक्षा करने की क्षमता इसमें निहित है | इसमें शरीर के लिए आवश्यक जीवनसत्व (विटामिन्स), खनिज तत्व, प्रोटीन्स, वसा व ऊर्जा प्रचुर मात्रा में पायी जाती है | गर्भिणी माताएँ, बालक, युवक व वृद्ध सभी के लिए यह उत्तम स्वास्थ, पुष्टि व शक्ति का सरल स्त्रोत है | निर्माण व सेवन-विधि : १ भाग गोघृत, १ भाग गोदुग्ध, १ भाग गोवर का रस, २ भाग गाय का दही व ५ भाग छाना हुआ गोमूत्र, सब मिलाकर २५–३० मि.ली. प्रात: खाली पेट धीरे-धीरे पियें | बाद में २ – ३ घंटे तक कुछ न लें | तीन बार इस मंत्र का उच्चारण करने के बाद पंचगव्य पान करें | यत् त्वगस्थिगतं पापं देहे तिष्ठति मामके | प्राशनात् पंचगव्यस्य दहत्वग्निरिवेन्धनम् || अर्थात त्वचा, मज्जा, मेधा, रक्त और हड्डियों तक जो पाप (दोष, रोग) मुझमें प्रविष्ट हो गये है, वे सब मेरे इस पंचगव्य-प्राशन से वैसे ही नष्ट हो जाये, ...

narendra modi ji

रिपोर्टर मोदी जी से : गुजरात का कौन सा प्लयेर सर्वशेष्ठ है ? मोदी जी रिपोर्टर से : मुझे लगता है इस रविन्द्र जडेजा समय सर्वशेष्ठ खिलाड़ी है वह तो गुजरात का शेर है . BREAKING NEWS : नरेन्द्र मोदी ने रविन्द्र जडेजा को गुजरात का शेर बताया है,इरफ़ान पठान को नहीं .... मनीष तिवारी: मोदी ने इस समय ये बयान देकर बता दिया है कि उन्हें अल्पसंख्यकों की कितनी फिक्र है . दिग्विजय सिंह: लगता है की इस फेकू की ही साजिश के कारण इरफ़ान पठान चैंपियंस ट्राफी मैं बिना कोई मैच खेले ही चोटिल हो गए और वेस्ट इंडीज सीरीज से बाहर हो गए . शकील अहमद: कही इरफ़ान पठान नरेन्द्र मोदी से बदला लेने के लिए IM में ना शामिल हो जाये . अन्ना : मेरे पास अब तक नरेन्द्र मोदी को सांप्रदायिक साबित करने कोई सबूत नहीं था लेकिन अब मिल गया . अरविन्द केजरीवाल : मैं इस बारे में आज शाम बड़ा खुलासा करूँगा की नरेन्द्र मोदी ने इंग्लैंड में इरफ़ान पठान को कैसे चोटिल किया . मीडिया वालो जरूर आना . नितीश कुमार : हमें ऐसा नेतृत्व चाहिए जो इरफ़ान पठान को टीम में शामिल करे सलमान खुर्शीद : नरेन्द्र मोदी के इस बयान से भारत अफगानिस्तान रिश...

sarfaroshi ki tamnna

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आस्माँ!हम अभी से क्या बतायें क्या हमारे दिल में है? एक से करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बातचीत,देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है। रहबरे-राहे-मुहब्बत! रह न जाना राह में, लज्जते-सेहरा-नवर्दी दूरि-ए-मंजिल में है। अब न अगले वल्वले हैं और न अरमानों की भीड़,एक मिट जाने की हसरत अब दिले-'बिस्मिल' में है । ए शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार, अब तेरी हिम्मत का चर्चा गैर की महफ़िल में है। खींच कर लायी है सब को कत्ल होने की उम्मीद, आशिकों का आज जमघट कूच-ए-कातिल में है। सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है? है लिये हथियार दुश्मन ताक में बैठा उधर, और हम तैय्यार हैं सीना लिये अपना इधर। खून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है, सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। हाथ जिनमें हो जुनूँ , कटते नही तलवार से, सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से, और भड़केगा जो शोला-सा हमारे दिल में है , सरफ़रोशी की तमन्न...
गुड़हल के फूल का ऐसे करें उपयोग, ये बीमारियां जड़ से साफ हो जाएंगी : गुड़हल फूल न सिर्फ देखने में खूबसूरत होता है बल्कि इसमें छिपा है सेहत का खजाना। भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के अनुसार सफेद गुड़हल की जड़ों को पीस कर कई दवाएं बनाई जाती हैं। मेक्सिको में गुड़हल के सूखे फूलों को उबालकर बनाया गया पेय एगुआ डे जमाईका अपने रंग और तीखे स्वाद के लिये काफी लोकप्रिय है। आयुर्वेद में इस फूल के कई प्रयोग बताएं गए हैं आज हम भी आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे ही प्रयोग जिन्हें आजमाकर आप भी लाभ उठा सकते हैं। - गुड़हल का शर्बत दिल और दिमाग को शक्ति प्रदान करता है तथा बुखार व प्रदर में भी लाभकारी होता है। यह शर्बत बनाने के लिए गुड़हल के सौ फूल लेकर कांच के पात्र में डालकर इसमें 20 नीबू का रस डालें व ढक दें। रात भर बंद रखने के बाद सुबह इसे हाथ से मसलकर कपड़े से इस रस को छान लें। इसमें 80 ग्राम मिश्री, 20 ग्राम गुले गाजबान का अर्क, 20 ग्राम अनार का रस, 20 ग्राम संतरे का रस मिलाकर मंद आंच पर पका लें। चाशनी शर्बत जैसी हो जाए तो उतारकर 2 रत्ती कस्...

Neem

केन्या में सोने के भाव बिकती हैं ये पत्तियां, हमें मिल जाती है फ्री में... ______________________________ ______________________ हमारे देश में एक कहावत है कि एक नीम सौ हकीम के बराबर है। यह कहावत सही भी है, क्योंकि स्वाद में इसकी हरेक चीज जितनी कड़वी है, उसके शारीरिक फायदे उतने ही मीठे हैं। मूलत: यह वृक्ष भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका जैसे देशों में ही पाया जाता था, लेकिन जब दुनिया ने इसकी शक्ति पहचानी तो अब यह दुनिया भर में पहुंच चुका है। भले ही हमारे देश में लोग नीम के पेड़ को उतनी अहमियत नहीं देते, लेकिन विदेशों में इसकी कीमत सोने-चांदी खरीदने सरीखी ही है। पेरिन हीटर सोमवार को बारडोली शहर में थीं। उन्होंने यहां के एक स्कूल में विद्यार्थियों को नीम के बारे में अनेकों रोचक जानकारियां दीं। पेरिन हीटर मूल सूरत की हैं। वे पिछले कई वर्षों से केन्या में ही परिवार के साथ रह रही हैं। हालांक पेरिन पेशे से शिक्षिका हैं, लेकिन इसके साथ ही साथ वे नीम पर अनेकों रिसर्च भी कर चुकी हैं। नीम वृक्ष कितना महत्वूपर्ण होता है, इस पर अपने सफल रिसर्चो के कारण अब वे केन्या में एक पहचाना हुआ ...