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Showing posts from November, 2014

बादाम गिरी

एक ऐसा प्रयोग जो 40 दिन में आंखों की सारी कमजोरी दूर कर देगा.....! * आंखें हर इंसान को भगवान का दिया एक अनमोल तोहफा है।अगर इनका ख्याल न रखा जाए तो छोटी-सी परेशानी जिंदगी भर की तकलीफ बन सकती है। अधिकांश लोग आंखों की कमजोरी जैसे आंखों में से पानी आना, आंखों में जलन, लाल होना , आंखों में जाले आना, आंख का चिपकना, आंख की पलकों पर सूजन आना आदि परेशानियों को अनदेखा करते हैं। आगे चलकर ये लापरवाही ज्यादा परेशानी देने वाली साबित हो सकती है। इसीलिए रोजाना सुबह-शाम मुंह में पानी भरकर आंखों पर खूब पानी छिड़के। पर्याप्त नींद लें व साथ ही नीचे लिखे आयुर्वेदिक नुस्खें को भी अपनाएं। नुस्खा- * बादाम गिरी तथा साफ की हुई बढिय़ा सौंफ 100-100 ग्राम लें। सौंफ का महीन चूर्ण करें, इसमें बादाम गिरी को खूब महीन कतरकर तथा सौंफ के उक्त चूर्ण के साथ खूब अच्छी तरह पीसकर रखें। रोज रात इस मिश्रण को 10-10 ग्राम मात्रा में मुख में रखकर धीरे-धीरे खाकर सो जाएं, इसके ऊपर पानी या दूध नहीं पीना है।

बथुआ****वास्तुक और क्षारपत्र

#‎ आरोग्यं‬ -- ✏- बथुआ संस्कृत भाषा में वास्तुक और क्षारपत्र के नाम से जाना जाता है बथुआ एक ऐसी सब्जी या साग है, जो गुणों की खान होने पर भी बिना किसी विशेष परिश्रम और देखभाल के खेतों में स्वत: ही उग जाता है। एक डेढ़ फुट का यह हरा भरा पौधा कितने ही गुणों से भरपूर है। बथुआ के परांठे और रायता तो लोग चटकारे लगाकर खाते हैं बथुआ का शाक पचने में हल्का, रूचि उत्पन्न करने वाला, शुक्र तथा पुरुषत्व को बढ़ने वाला है | यह तीनों दोषों को शांत करके उनसे उत्पन्न विकारों का शम न करता है | विशेषकर प्लीहा का विकार, रक्तपित, बवासीर तथा कृमियों पर अधिक प्रभावकारी है | ✏- इसमें क्षार होता है , इसलिए यह पथरी के रोग के लिए बहुत अच्छी औषधि है। इसके लिए इसका 10-15 ग्राम रस सवेरे शाम लिया जा सकता है। ✏- यह कृमिनाशक मूत्रशोधक और बुद्धिवर्धक है। ✏-किडनी की समस्या हो जोड़ों में दर्द या सूजन हो ; तो इसके बीजों का काढ़ा लिया जा सकता है। इसका साग भी लिया जा सकता है। ✏- गर्भवती महिलाओं को बथुआ नहीं खाना चाहिए। ✏- एनीमिया होने पर इसके पत्तों के 25 ग्राम रस में पानी मिलाकर पिलायें। ✏- पेट के कीड...

बालों के लिये २७ प्रभावशाली उपाय

 --------आजकल युवावस्था में ही लोगों के बाल गिरने लगते हैं। बालों का गिरना किसी के लिए भी तनाव और चिंता का कारण हो सकता है। बालों के समय से पहले गिरने की समस्या यदि आनुवंशिक हो तो उसे एंड्रोजेनिक एलोपेसिया कहा जाता है। इस समस्या से परेशान पुरुषों में बाल गिरने की समस्या किशोरावस्था से ही हो सकती है, जबकि महिलाओं में इस प्रकार बाल गिरने की समस्या 30 की उम्र के बाद होती है।इसके अलावा, खान-पान और पर्यावरण प्रदूषण, दवा के रिएक्शन व कई अन्य कारणों की वजह से कम उम्र में गंजेपन की समस्या हो सकती है। यदि आप भी कम उम्र में गंजेपन की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं गंजापन दूर करने के कुछ  घरेलू उपाय।  - जटामांसी को नारियल तेल में उबाल लें। इस तेल को ठंडा करके किसी बोतल में भरकर रख लें। रोजाना रात को सोने से पहले इसकी मालिश करें। बालों का असमय सफेद होना और गिरना बंद  हो जाएगा।  -  जरूरत से ज्यादा नमक लेने से भी गंजापन जाता है। नमक और काली मिर्च एक-एक चम्मच और नारियल का तेल पांच चम्मच मिलाकर गंजेपन वाले स्थान पर लगाने...