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Showing posts from October, 2011

mitra

‎. अगर किसी दिन तुम्हारा मन रोने का हो तो मुझे बुला लेना - मैं तुम्हे हंसाने का वादा तो नहीं करता पर तुम्हारे साथ रो सकता हुं अगर किसी दिन किसी से भी बात करने या सुनने का मन ना हो तो मुझे बताना - मैं तुम्हारे साथ तुम्हारे पास चुपचाप बैठने का वादा करता हुं अगर कभी तुम सब छोडकर भाग जाना चाहो तो मुझसे कहना - मैं तुम्हे रोकूंगा नहीं, पर तुम्हारे साथ चलने का वादा करता हुं पर अगर किसी दिन तुम मुझे बुलाओ और कोई जवाब ना मिले - तो तुम जल्दी आ जाना , शायद उस दिन मुझे तुम्हारी ज़रूरत हो । "खून के रिश्तों में जुडाव के साथ अपेक्षाएं जुडी रहती हैं । परन्तु मैत्री उन्मुक्त होती है । वास्तव में सच्चे मित्र एक दूसरे के पूरक होते हैं ।